उत्तराखंड सरकार राज्य में किसानों को पॉलीहॉउस के लिए 304 करोड़ देकर बागवानी के लिए कर रही प्रोत्साहित
किसानों की बेहतरीन और उन्नति के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से निरंतर प्रयास करती हैं। इसकी एक वजह यह भी है, कि भारत एक कृषि प्रधान देश है।
यहां की अधिकांश जनसँख्या कृषि पर ही निर्भर रहती है। इसलिए कृषि क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। धामी सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक करने को लेकर चिंतन कर रही है।
इसके लिए मुख्यमंत्री धामी निरंतर योजनाएं तैयार कर रही है। इसी कड़ी में धामी ने बहुत सारे सार्वजनिक मंचों से भी कई बार यह कहा है, कि हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में भी खेती-बागवानी को रोजगार का माध्यम बनाया जाए। अब इसी कड़ी में राज्य सरकार ने पॉलीहाउस को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है।
सरकार ने 304 करोड़ की धनराशि मंजूर की है
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की दिशा में धामी सरकार की तरफ से एक बड़ी पहल की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में पॉलीहाउस के जरिए एक-एक लाख से ज्यादा कृषकों को रोजगार प्रदान करने की योजना है।विगत दिवस हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पॉलीहाउस बनाने के लिए धामी सरकार द्वारा 304 करोड़ की योजना को स्वीकृति दे दी है। बतादें, कि धामी सरकार राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक बढ़ाने के संबंध में विचार कर रही है।
इसके लिए मुख्यमंत्री धामी निरंतर योजना तैयार करने में लगे हुए हैं। धामी जी कई सारे सार्वजनिक मंचों के माध्यम से भी यह ऐलान कर चुके हैं, कि वह हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में भी खेती-बागवानी को रोजगार का माध्यम बनाया जाए। अब इसी कड़ी में राज्य सरकार की तरफ से पॉलीहाउस को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है।
सरकार 70 प्रतिशत तक अनुदान देगी
उत्तराखंड में भी इसके तहत क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में बागवानी यानी सब्जी एवं फूलों की खेती की योजना का फैसला लिया गया है।नाबार्ड की योजना के तहत क्लस्टर आधारित 100 वर्गमीटर आकार के 17,648 पॉलीहाउस निर्मित करने के लिए 304 करोड़ रुपये राज्य कैबिनेट द्वारा मंजूर किये गये हैं, जिसमें किसान भाइयों को 70 फीसद अनुदान प्रदान किया जायेगा।
इसके तहत प्रदेश के तकरीबन 1 लाख कृषकों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तौर पर स्वरोजगार के साधन प्राप्त होने के साथ-साथ उनकी आमदनी में भी इजाफा हो पाएगा।
जिससे सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले पलायन में भी काफी गिरावट आयेगी। साथ ही, सब्जियों की पैदावार में 15 फीसद और फूलों की पैदावार में 25 प्रतिशत तक का इजाफा होगा।